दूर क्षितिज पर किरण पुंज देख रजनी की तो आंखें भर आईं। दूर क्षितिज पर किरण पुंज देख रजनी की तो आंखें भर आईं।
मेरे कर्मों के पारितोषिक से तुम मुझे आ मिले। गहन तिमिर के बाद आई सुनहरी सवेर से। मेरे कर्मों के पारितोषिक से तुम मुझे आ मिले। गहन तिमिर के बाद आई सुनहरी...
मिलकर आज हमें मनाना है यह दीपों का त्योहार है मिलकर आज हमें मनाना है यह दीपों का त्योहार है
जीवन हो जाता उनका जगमग, जो गुरु चरणों में ध्यान लगाते।। जीवन हो जाता उनका जगमग, जो गुरु चरणों में ध्यान लगाते।।
दिवाली दिलवा से दिलवा मिलाई जी। दिवाली दिलवा से दिलवा मिलाई जी।
पटाखों की चमक हो या किसी की आंखों में खुशी की क्या फर्क पड़ता है। पटाखों की चमक हो या किसी की आंखों में खुशी की क्या फर्क पड़ता है।